लेवड़ा के श्री शिव शक्ति धाम में गुरु पूर्णिमा पर आस्था का सैलाब, समाजसेवी अशोक अरोरा ने लिया आशीर्वाद।
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S S Kachhawa
लेवड़ा के श्री शिव शक्ति धाम में गुरु पूर्णिमा पर आस्था का सैलाब, समाजसेवी अशोक अरोरा ने लिया आशीर्वाद।
Updated : July 10, 2025 05:38 PM

नीमच जिले के लेवड़ा स्थित प्रसिद्ध श्री शिव शक्ति धाम में गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। हजारों की संख्या में भक्तों ने अपने गुरुओं का आशीर्वाद प्राप्त कर गुरु-शिष्य परंपरा के महत्व को साकार किया। यह भव्य आयोजन धार्मिक आस्था और भारतीय संस्कृति की जीवंत झलक प्रस्तुत करता है।
समाजसेवी अशोक अरोरा की उपस्थिति और गुरु का महत्व
इस गरिमामय आयोजन में मालवा-मेवाड़ क्षेत्र के जाने-माने समाजसेवी अशोक अरोरा गंगानगर विशेष रूप से उपस्थित रहे। आचार्य पंडित विक्रम शर्मा ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पादुका पूजन संपन्न कराया। जिसमें पूज्य ब्रह्मलीन महंत कमलानंद गिरि को श्रद्धापूर्वक पुष्पांजलि अर्पित की गई।
इस अवसर पर अशोक अरोरा ने गुरु के अतुलनीय महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा "गुरु ही जीवन के सच्चे पथ-प्रदर्शक होते हैं। वे ही हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं।" उन्होंने श्री शिव शक्ति धाम को आस्था और चमत्कारों का प्रतीक बताते हुए यहां की दिव्यता का बखान किया।
चमत्कारी अनुभव और विशाल भंडारा
कार्यक्रम के दौरान कई भक्तों ने श्री शिव शक्ति धाम से जुड़े अपने हृदयस्पर्शी और चमत्कारी अनुभवों को साझा किया। इन अनुभवों में सच्ची प्रार्थनाओं की पूर्ति, गंभीर बीमारियों से स्वास्थ्य लाभ और नौकरी-संतान सुख जैसी प्रेरणादायक कहानियाँ शामिल थीं। जिन्होंने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
गुरु पूर्णिमा के इस पुनीत अवसर पर एक विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया जिसमें हजारों की संख्या में भक्तों ने प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ कमाया।
*भक्तिमय वातावरण और भव्य सज्जा*
पूरे धाम परिसर को रंग-बिरंगी रोशनी और फूलों से अत्यंत भव्य रूप से सजाया गया था, जिससे वातावरण पूरी तरह से भक्तिमय बना रहा। चहुंओर फैली धार्मिक सुगंध और भजन-कीर्तन की मधुर ध्वनि ने सभी को आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर कर दिया। नीमच जिले के अन्य मंदिरों और आश्रमों में भी गुरु पूर्णिमा के कार्यक्रम आयोजित हुए, लेकिन लेवड़ा का यह महोत्सव विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को सुदृढ़ करता है, बल्कि हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी प्रदर्शित करता है।
गुरु पूर्णिमा का यह पर्व हमें गुरुओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उनके दिखाए मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।