मालवा की वैष्णो देवी भादवा माता मंदिर, आधा-अधूरा काम, भक्तों को हो रही परेशानी, जनप्रतिनिधि और प्रशासन खामोश।
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S S Kachhawa
मालवा की वैष्णो देवी भादवा माता मंदिर, आधा-अधूरा काम, भक्तों को हो रही परेशानी, जनप्रतिनिधि और प्रशासन खामोश।
Updated : July 12, 2025 05:23 PM

नीमच: मालवा में जिसे वैष्णो देवी कहते हैं और जो लोगों की बीमारियां ठीक करने के लिए जानी जाती हैं, वो भादवा माता मंदिर का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है! सरकार ने यहां एक बड़ा भादवा माता लोक बनाने का सपना दिखाया था। लेकिन वो काम बीच में ही अटक गया है. इससे दूर-दूर से आने वाले भक्तों को बहुत दिक्कत हो रही है.
पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाकाल मंदिर की तरह यहां भी लोक बनाने का ऐलान किया था. इसके लिए 30 करोड़ रुपये खर्च होने थे, जिसमें मंदिर को सुंदर बनाने और कई नई चीजें जोड़ने की योजना थी. शुरुआत में काम तेजी से चला भी, लेकिन अब सब रुक गया है.
*मंदिर की हालत बदहाल*
बारिश में मंदिर की हालत और बिगड़ गई है. अंदर पानी टपक रहा है, यहां तक कि माता के गर्भगृह में भी गंदा पानी घुस रहा है. चारों तरफ कीचड़ और गंदगी फैली है। जिससे श्रद्धालु खासा परेशान हो रहे है।
*पुजारी भी दुखी*
मंदिर के पुजारी भी इस बात से दुखी हैं. उनका कहना है कि दूर-दूर से लोग आते हैं, लेकिन मंदिर की ऐसी हालत देखकर भक्तों की भीड़ कम हो रही है. जहां पहले आरती में बहुत लोग होते थे, अब कम दिखते हैं. इससे लोगों की आस्था को ठेस पहुंच रही है.
मंदिर के मैनेजर अजय ऐरन ने बताया कि शिखर (ऊपरी हिस्सा) बनाने के लिए अभी पैसे नहीं मिले हैं, इसलिए काम रुका हुआ है. जैसे ही पैसे मिलेंगे काम फिर से शुरू कर दिया जाएगा।
सरपंच प्रतिनिधि नवलकृष्ण सुरावत ने भी रुके हुए कार्य पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा की भादवा माता मंदिर का निर्माण कार्य पिछले 5 महीने से बंद है, जिससे श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हमें यह भी नहीं बताया गया कि यह निर्माण कार्य क्यों बंद है। प्रशासन से निवेदन है कि लाखों श्रद्धालुओं के आस्था के केंद्र भादवामाता मंदिर का कार्य जल्द से जल्द शुरू करे।
*आरोग्य की देवी का मंदिर का निर्माण कार्य अधूरा*
भादवा माता को लोग बीमारी ठीक करने वाली देवी मानते हैं. कहा जाता है कि यहां लकवा (पैरालिसिस) से जूझ रहे लोग रेंगते हुए आते हैं और माता की बावड़ी (पानी का कुंड) के पानी में नहाने से ठीक होकर अपने पैरों पर चलकर जाते हैं.
करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र होने के बावजूद, मंदिर की ऐसी हालत चिंता की बात है. न तो कोई नेता और न ही कोई सरकारी अधिकारी इस पर ध्यान दे रहा है. प्रशासन को जल्दी से इस काम को पूरा करवाना चाहिए, ताकि मंदिर अपनी पुरानी पहचान वापस पा सके और भक्तों को परेशानी न हो।