किशनपुरा में श्मशान भूमि विवाद, बांछड़ा समुदाय ने दबंगों पर लगाए गंभीर आरोप, पटवारी ने कही सीमांकन करने की बात, पढ़े खबर।
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S S Kachhawa
किशनपुरा में श्मशान भूमि विवाद, बांछड़ा समुदाय ने दबंगों पर लगाए गंभीर आरोप, पटवारी ने कही सीमांकन करने की बात, पढ़े खबर।
Updated : July 30, 2025 12:48 PM

नीमच जिले के किशनपुरा गांव में श्मशान भूमि के निर्माण को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। बांछड़ा समुदाय के लोगों ने प्रशासन से गुहार लगाते हुए आरोप लगाया है कि सरकारी रिकॉर्ड में उनके समुदाय की निजी भूमि के लिए श्मशान है पर कुछ दबंग लोग उन्हें निर्माण कार्य करने से रोक रहे हैं और डरा-धमका रहे हैं।
हाल ही में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को सौंपे गए एक शिकायत पत्र में बांछड़ा समुदाय के निवासियों ने बताया कि ग्राम किशनपुरा में वे लंबे समय से निवास कर रहे हैं और पिछले 19 वर्षों से 0.5000 हेक्टेयर भूमि उनके श्मशान के लिए आवंटित है। समुदाय इस भूमि पर श्मशान का निर्माण करना चाहता है, लेकिन गोपाल बिंदू (पिता मोहनलाल), राहुल (पिता गोपाल), और उमेश (पिता गोपाल) नामक कुछ प्रभावशाली व्यक्ति, जो मेघवाल जाति के बताए जा रहे हैं, इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं।
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि ये लोग न केवल निर्माण कार्य में बाधा डाल रहे हैं, बल्कि उन्हें धमका भी रहे हैं। इससे भी गंभीर बात यह है कि निजी श्मशान भूमि पर भी उनके समाज के सदस्यों को अंतिम संस्कार करने से रोका जा रहा है, जबकि उनके पुरखे सात पीढ़ियों से उसी स्थान पर अंतिम संस्कार करते आ रहे हैं।
ताजा घटनाक्रम: बुजुर्ग के अंतिम संस्कार को रोकने का किया गया प्रयास।
किशनपुरा के ग्रामीणों ने बताया कि हाल ही में गांव में एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी, तो मेघवाल समाज के लोगों ने उनके अंतिम संस्कार को रोकने का प्रयास किया। हालांकि, हल्का पटवारी और ग्राम पंचायत सचिव की समझाइश के बाद ही अंतिम संस्कार संपन्न हो सका।
प्रशासनिक कार्रवाई की उम्मीद
इस मामले को लेकर हल्का पटवारी रेखा पाटीदार ने बताया कि उनके पास शिकायत आई थी और उन्होंने रिपोर्ट बनाकर तहसील कार्यालय भेज दी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही भूमि का सीमांकन करवाकर इस समस्या का समाधान किया जाएगा।